November 22, 2024

News Buddy

www.newsbuddy.co.in

महिला आरक्षण बिल महिलाओं से धोखा -दीपक बैज़

1 min read

आरक्षण कब लागू होगा किसी को पता नहीं,

2024 में आरक्षण क्यों लागू नहीं हो सकता?

रायपुर/23 सितंबर 2023। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि आरक्षण का संघर्ष इस देश की महिलाओं के लिए बहुत लंबा रहा है और हर बार उनको मायूसी ही झेलनी पड़ी है। इस बार जब महिला आरक्षण बिल आया तो सशक्तिकरण और राजनीतिक भागीदारी की उम्मीद एक बार फिर जागी। लेकिन आज देश की आधी आबादी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है। ऐसा लग रहा है, मुँह तक आया निवाला ही छीन लिया गया हो।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि आनन-फ़ानन में लाए गए इस बिल के ज़रिये महिलाओं को आखिर आरक्षण कब मिलेगा, ये कोई नहीं जानता। सरकार ख़ुद कह रही है 2029 से पहले संभव ही नहीं। जनगणना और परिसीमन से महिला आरक्षण को जोड़कर, महिलाओं को कहा गया है – अभी इंतज़ार लंबा है। सरकार के मंत्रियों और सांसदों ने संविधान के अनुच्छेद 82 – 81(3) का हवाला दिया जिसके अनुसार 2026 का परिसीमन उसके बाद वाली जनगणना मतलब 2031 वाली जनगणना पर ही संभव है। यानी महिला आरक्षण संभवतः 2039 तक ही हो सकता है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने पूछा कि आखिर 2024 में ये क्यों नहीं हो सकता? अगर वाक़ई में इच्छाशक्ति है तो जैसे दो मिनट के अंदर नोटबंदी, तीन काले क़ानून, लॉकडाउन, 370 को हटाने जैसे निर्णय लिए गए थे – वो अब भी लिये जायें। अगर इस क़ानून से महिलाओं को वाक़ई सशक्तिकरण और भागीदारी देने की मंशा है तो फिर देर किस बात की? अन्यथा यह झुनझुना नहीं तो और क्या है? ये साफ़ प्रतीत होता है कि राज्यों में अपनी हार से बौखलाकर इंडिया गठबंधन की ताक़त को देखकर मोदी जी परेशान हो गए और अडानी के ऊपर आँच ना आए इसलिए पहले इंडिया बनाम भारत का शिगूफ़ा छोड़ा गया, और फिर जब उससे आक्रोश दिखा तो महिला आरक्षण बिल को ले आये। वो क़ानून जो आज से 10 साल बाद ही शायद क्रियान्वित हो। ये तो कुछ किसानों की आय दोगुनी, हर साल दो करोड़ रोज़गार, 15 लाख बैंक खातों में, 100 स्मार्ट सिटी, रुपया- डॉलर का बराबर मूल्य, पेट्रोल ₹40 लिटर और चीन को लाल आँख दिखाने वाले जुमलों जैसा साबित होता दिख रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि यह बिल महिलाओं को अधिकार देता है कि वो ना सिर्फ़ सार्वजनिक जीवन में बल्कि संसद के पटल से महिला सशक्तिकरण, महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों की और महिला सुरक्षा की पुरज़ोर योद्धा बनें। मेरी आशा है कि इस क़ानून के बन जाने के बाद महिला सांसद बेख़ौफ़ होकर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते हुए जघन्य अपराधों पर बोलेंगी, उनकी भर्त्सना कर सकेंगी और अपराधियों को सज़ा दिलाने के लिए निडर हो कर माँग करेंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *