प्रधानमंत्री आवास एवं गरीबों के मामले में नरेंद्र मोदी फिर झूठ बोल गये
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री द्वारा मांगी गई साढ़े सात लाख पीएम आवास अभी तक क्यों नही दिये
भूपेश सरकार में 40 लाख लोग गरीबी रेखा से ऊपर आये मोदी सरकार में 28 करोड़ लोग गरीबी रेखा गर्त में गये
रायपुर/14 सितंबर 2023। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रायगढ़ की सभा में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास और गरीबी के मामले में झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाकार एक बार और प्रधानमंत्री पद की गरिमा को तार किया है। नरेंद्र मोदी को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र लिखकर साढ़े सात लाख से अधिक आवासहीनो के लिए आवास की मांग की है। जिसे अब तक मोदी सरकार स्वीकृत क्यो नही किया इसका जवाब देना था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के जन कल्याणकारी योजनाएं व्यक्ति विकास की दिशा में किए गए सकारात्मक प्रयास का नतीजा है कि नीति आयोग राज्य से 40 लाख लोगो को गरीबी रेखा से बाहर आने का रिपोर्ट दे रही है। प्रधानमंत्री आवास में बेहतर परफार्मेंस के लिये केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्री हरदीप पूरी राज्य को पुरुस्कृत कर रहे और मचं से नरेंद्र मोदी झूठ परोस रहे थे।
प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भूपेश सरकार में 40 लाख लोग गरीबी रेखा थे बाहर आए हैं। मनमोहन सरकार के दौरान 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे थे वहीं भाजपा की रमन सरकार के दौरान प्रदेश की 40 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती थी मोदी सरकार सरकार की गरीब विरोधी नीतियों के चलते 28 करोड लोग गरीबी रेखा के गर्त में चले गये और 80 करोड़ लोग दो वक्त की भोजन की भी व्यवस्था नही कर पा रहे।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार में पौने 5 साल में ग्रामीण एवं शहरी मिलाकर 14 लाख 38 हजार 823 मकान स्वीकृत हुये जबकि रमन सरकार के दौरान पौने चार साल में ग्रामीण एवं शहरी मिलाकर मात्र 2 लाख 37 हजार मकान स्वीकृत हुआ था। प्रतिवर्ष के अनुसार देखा जाए तो भूपेश सरकार के पौने 5 साल में प्रति वर्ष 2 लाख 80 हजार मकान बने जबकि रमन सरकार के पौने चार साल में प्रति वर्ष मात्र 59 हजार मकान ही बने थे। भूपेश सरकार ने गरीबो के मकान बनाने अब ग्रामीण एवं शहरी मिलाकर 8489 करोड़ रुपया से अधिक की राशि जा रही कर चुके है। जबकि रमन सरकार के पौने चार साल में मात्र 272 करोड़ राज्यांश दिया गया था। प्रधानमंत्री के गृहराज्य गुजरात में भी प्रधानमंत्री आवास योजना मात्र 40 प्रतिशत काम हुए हैं मध्य प्रदेश में 30 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में स्थित सबसे ज्यादा खराब है।